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प्रिये,
मैं बहुत ही अच्छा हूँ, अच्छे से भी ज्यादा..
आशा है तुम कुशल होगी..!
बहुत दिन हो गए तुमने कोई संदेश नहीं लिखा..
जानता हूँ नए प्रेम का तुम कुछ ज्यादा ही आनंद ले रही हो.. और लो भी क्यूँ न..?
वो तुम्हें महंगी महंगी रेस्तराओं में ले जाता जो है।
वो तुम्हें हर सन्डे एक नया तोहफा जो देता है।
वो तुम्हें हर महीने नेट का रीचार्ज साथ ही फोन रीचार्ज करवा देता है.. दोनों अलग जबकि आजकल दोनों के साथ वाला ऑफ़र भी है फ़िर भी वो ज्यादा पैसे खर्च करता है! और तुम जिसे अपने दोस्तों से बात करने में उड़ाती हो।
वो तुम्हें हर वीकेंड घुमाता जो है।
तुम्हारी फोटो डी एस एल आर से जो खींचता है।
तुम्हें जब रातों को भूख लगती है तो वो तुम्हारे लिए बटर चिकेन बिरयानी ऑर्डर करता है साथ में चिल्लड कोक भी..!
वो रात रात भर फिर तुम्हें न चाहते हुए तोतले होने का ढोंग कर बाबू शोना मोना बेबी अलाना फलाना ढ़ीलाना करता है...!
और फिर जब तुम्हें नींद आने लगती है तो तुम्हारे सोने तक अपने फटे हुए गले से बेसुरी आवाज में गाना सुनाता है...!
और अगले ही दिन वो जल्दी इसलिए उठता है कि तुमसे फिर उसी तोतले लहजे में सवाल कर सके कि, ' मेला बाबू उठी गिया' ' बाबू ने ब्लश तिया' इत्यादि....
ये दौर फिर चलते ही चला जाता है...
जब तुम्हारे बाएं पाँव की बीच वाली उंगली की नेलपेंट उखड़ जाती है जिससे तुम्हें बहुत ही दुख होता है और सहसा आंसू बहने लगते है तो वो तुम्हें सांत्वना की गहरी नदी के निचतम तल पर जाकर तुम्हारे लिए भरतनाट्यम करता है जिससे तुम ख़ुश हो सको.. (जानता हूँ ये तुम्हारे लेवेल के ऊपर है फिर भी संभालना इसे) और दिन के अंत होने तक जब तुम उससे उनहत्तर हजार पांच सौ पचपन बार पूछ चुकी होती हो कि ' मैं मोटी तो नहीं हो गयी हूँ बाबू?'
फ़िर भी वो होंठों पर मुस्कान के साथ मना करता है...
इन सब के बाद जब वो थक कर शाम में सोने का असफल प्रयास कर रहा होता है तो तुम्हें शॉपिंग करने जाना होता है और वो तुम्हारे एक बार कहने पर तैयार होकर ओला लेकर हॉस्टल के बगल वाली गली में खड़ा रहता है इंतज़ार में तुम्हारे।
मॉल में दो घंटे चव्वालिस मिनट और सत्रह सेकंड के बाद तुम्हें एक हेयर बैंड पसंद आता है जिसे तुम आगे के पोने नौ मिनट देखने के बाद लेने से इंकार कर देती हो और वापस आने का प्लान बना लेती हो।
निकलते के साथ ही जब तुम उसके हाथों में अपना हाथ डाले सीसीडी के बगल से जा रही होती हो तो तुम्हें याद आता है कि तुमने आज कॉफी पी ही नहीं है।
इसके बाद अगले एक घंटे तुम कॉफी और साथ में आइसक्रीम का लुत्फ लेती हो।
आने के वक़्त तुमने जो अपने नए प्रेमी से कहा होता है कि आज बिल तुम पे करोगी उस बात से तुम यह कहकर बिल नहीं पे करती कि लड़का बस एक बार आधे मन से कहता है
' हनी प्लीज़ लेट मी पे द बिल!'
और जब वो तुम्हें हॉस्टल छोड़ने आता है, और तुम जाने लगती हो तो तुम्हें पकड़कर बोसा करने को चाहता है जिसे तुम नकार देती हो उसके गाल पर एक बहुत ही हल्के से चांटा मारकर (ये तुम्हारे लिए था).. असल में वो बहुत ही हल्की सी थप्पड़ उसके लिए हथोड़े से पड़े चोट के समान लगती है..!
क्यूँ...?
अपने इग्यारह सौ अंठहानवे ग्राम के दिमाग पे कुछ न्यूटन का फोर्स लगा कर सोचना... जान जाओगी..!
कहने की जरूरत नहीं है कि ये सिलसला फिर चिर काल तक चलते ही जाता है।
अंत में यही कहूंगा, मैं बहुत ही ज्यादा खुश हूं।
बता नहीं सकता.. तुम्हारी एक और प्रेम की सफलता और लंबी आयु की सलामती की इक्षा लिए तुम्हारा पूर्व प्रेमी (शायद बारहवां)
सुमित....
By - सुमित झा
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