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मैं तैयार हूँ चलो घुमने के लिए।
लेकिन अब पैर काँपने लगे है।
बचपन में दस बाई दस का घर था रहने के लिए।
भाग दौड़ कर बुढ़ापे में चार रूम का घर बना लिया।
पर अब यही घर काटने को दौड़ता है।
पढ़ाई कर बेटा अमेरिका गया बहुत खुशी मिली।
लेकिन अब डर रहता है मन में,
मृत्यु के समय क्या वो पानी देने आयेगा ?
या ईमेल से ही शोक संदेश भेजेगा वो माँ को।
इसलिए कहता हूँ दोस्तों अभी से जाग जाओ और जीवन के हर पल को हर्षोउल्लास से जीओ।
क्योंकि जिस समय हम मरते है हमारी पहचान एक डेड बॉडी बस यहीं बन कर रह जाती है।
फिर बॉडी को लाओ, बॉडी को सुलाओ। लोग तुम्हें तुम्हारे नाम से भी नहीं बुलाते।
इसलिए कहता हूँ आहवान को स्वीकारो
खाने को पसंद आनेवाली चीज़ों पर खर्च करो।
पंसदीदा लोगों के लिए समय निकालो।
जो पसंद है वो सीखो।
पेट दुखने तक हँसो।
अगर कोई बच्चा कहे तो कहने दो।
दिल खोल कर नाचो।
शादी में, पार्टी में जहाँ मौका मिले वहाँ।
एक दम छोटे बच्चों जैसे जीओ।
क्योंकि मृत्यु ये जीवन का सबसे बड़ा लॉस नहीं हैं।
लॉस तो वो है जब जिंदा हो कर भी तुम्हारे अंदर की जीने की इच्छा मर जाती है।
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By - सूरज मौर्या (लिखना आता नहीं मुझे बस लोगों को देख कर लिखने की कोशिश करता हूँ) |
नोट: ये व्हाटसअप पर वायरल हो रही एक मराठी वीडियो का हिंदी रूपांतरण है। लेखक का न पता होने की वजह से असल नाम के लिए खेद है। परंतु इसे ट्रांसलेट सूरज मौर्या ने की है।
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