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By - अनुप्रिया
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Credit - hari bhoomi.com |
अनुप्रिया पत्रकारिता की पढ़ाई कर रही है। आज जहाँ पूरा देश पद्मावत फ़िल्म पर अपनी टिप्पणी दे रहा है तो अनुप्रिया ने भी अपने पद्मावत फ़िल्म को लेकर अपने कुछ विचार हिंदी डाकिया के साथ साझा किया है।
आज कल जहाँ देखो वहीं करणी सेना वाले फिल्म पद्मावत का विरोध कर रहे हैं। ठीक है आप करो विरोध कोई नहीं रोक रहा है। पर जरा ये तो बताओ कि विरोध की सही वजह क्या है ? मैंने अभी फिल्म नहीं देखी है तो उसका असल कंटेंट क्या है हमें नहीं पता है। पर मैंने जितना रिव्यु पढ़ा है और जितना ट्रेलर देखा है उसे देख कर तो नहीं लगता कि मूवी में कुछ गलत है।। न ही कहीं पद्मावती और खिलज़ी का कोई सीन है।
खैर विरोध करना न करना आपके ऊपर है। पर उस समय ये विरोध कहाँ जाता है जब भरे समाज में किसी लड़की की इज्जत की धज्जियां उड़ाई जाती है। तब कहाँ जाता है ये विरोध जब किसी लड़की का सरेआम रेप होता है। तब तो लोग भूत बने तमाशा देख रहे होते हैं। या फिर उसकी पिक्चर या वीडियो ले रहे होते हैं। भाई उस टाइम अगर आगे आकर उस लड़की की इज़्ज़त बचाओगे न तो दुआओं के साथ साथ अपने बच्चों की भी इज़्ज़त बचाओगे। अब तो आलम ये है कि हर घंटे किसी न किसी लड़की की हत्या या रेप हो रहा होता है। तब कहाँ जाते हैं ये इज्जत के पुजारी जो आज इतिहास के लिए लड़ रहे हैं।
अरे यार! अगर इन सब की जगह विरोध रेप, मर्डर या फिर लूटपाट के लिए करो तो शायद समाज के साथ साथ तुम्हारी भी बहन बेटी बच जाए। पर ऐसा कहाँ आप कर सकते हैं। विरोध तो आप बस पद्मावती के लिए ही करोगे न। भाई अगर विरोध का इतना ही शौक है तो रेप के अगेंस्ट करो क्योंकि तब आज की पद्मावती बच सकती है और तब शायद रियल वाली पद्मावती को भी ख़ुशी मिलेगी। विरोध करना गलत नहीं है पर गलत चीज़ के लिए करना गलत है। रेप है या मर्डर के खिलाफ आप धरना प्रदर्शन करो या फिर आरक्षण के खिलाफ करो तो बात भी बनेगी और आपका पता नहीं पर आपके आने वाली पीढ़ी ये जरूर बोलेगी कि "हमारे पूर्वजों ने हमारे लिए बहुत अच्छा काम किया है।"
ये तो मेरी सोच और मेरी सलाह थी बाकि आपकी मर्ज़ी।
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