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फ़ोटो - द इंडियन एक्सप्रेस |
केरल के सीएम पिनारयी विजयन ने कहा है कि बाढ़ में मदद करने वाले जवानों के लिए उनकी सरकार 26 अगस्त को अभिनंदन/विदाई समारोह का आयोजन करेगी। भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों ने केरल बाढ़ में जिस अप्रतिम साहस और हौसले का परिचय देकर लोगों की जान बचाई है उसकी कहानियां सालों सुनाई जाएंगी। एक ऐसी ही घटना केरल के कन्नूर जिले के मोरकानीकारा इलाके में घटी जब अचानक बाढ़ का पानी घुस आया।
हालात इतने भीषण थे कि घरों में 8 फीट तक पानी घुस गया था। उस इलाके के सैकड़ों लोगों के सामने मौत खड़ी थी। तभी बीएसएफ के जवान फरिश्ते बनकर पहुंच गए। वहां मौजूद 162वीं वाहिनी स्थित बीएसएफ यूनिट ने बचाव अभियान के लिए मुख्यालय से अनुमति की औपचारिकता में समय बर्बाद नहीं किया। यूनिट अपने काम में जुट गई। 10 घंटे से अधिक समय तक चले मैराथन ऑपरेशन के बाद 200 से अधिक लोगों को बचाया गया। बीएसएफ ने यूनिट के लिए आए राशन से पीड़ितों को खाना दिया। रहने का ठिकाना भी दिया।
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फ़ोटो - गूगल |
यूनिट के अधिकारियों ने बुधवार को एनबीटी से अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि जवानों ने अपनी जेब से तत्काल 1.80 लाख रुपये जमाकर पीड़ितों को दिए ताकि वे अपनी जरूरत की चीजें खरीद सकें। यूनिट के अधिकारियों ने कहा कि पिछले हफ्ते 18 अगस्त को सुबह 9 बजे जब उन्होंने अपना ऑपरेशन शुरू किया तो उन्हें खुद पर भी विश्वास नहीं था कि वे उस गांव के सभी लोगों को बचाने में सफल हो पाएंगे। गलियों में पानी की धारा बहुत तेज थी।
इस पर उनके पास ऐसी स्थिति से निपटने के लिए साधन नहीं थे। यूनिट के लगभग 200 जवानों ने ऐसी विकट परिस्थिति में युद्ध लड़ने के लिए सीखे गए कौशल का उपयोग करते हुए केले के पेड़ और दूसरे स्थानीय संसाधनों से लोगों को बचाया। रात 8 बजे तक सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था। वहीं कुत्तुर इलाके में हुए भयंकर भूस्खलन की स्थिति में भी बेहतरीन काम करते हुए 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया।
साभार - नवभारत टाइम्स
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