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By - डाकिया सूरज
जब श्रीमान गणेश ने पहनी वर्दी और पहुँच गये विलेपार्ले पुलिस स्टेशन।
गणेश भगवान जैसे अपने भक्तों के दुखों का निवारण करते है और उनके के तकलीफों को दूर करते है ठीक उसी तरह पुलिस भी समाज की में शांति और समन्वय कायम रखने के लिए हमेशा तत्पर रहती है।
महाराष्ट्र में गणपति का महत्त्व
महाराष्ट्र में अगर लोगों से पूछा जाये की यहाँ पर कौन - सा त्यौहार सबसे ज्यादा लोकप्रिय है तो आपको जवाब मिलेगा गणपति बाप्पा का यानी की गणेश चतुर्थी। गणेश चतुर्थी में लोग अपने घरों में गणेश भगवान की मूर्ति का विराजमान करते है और उनकी पूजा करते है। यह त्यौहार 11 दिनों का होता है, लेकिन कोई अपने घर में बाप्पा को डेढ़ दिन, तीन दिन, पांच दिन, सात दिन और कोई ग्यारह दिन तक बैठाता है और आखिरी दिन बाजे - गाजे के साथ नदी या पानी वाली जगह पर उनका विसर्जन कर देता है।
ये महाराष्ट्र का सबसे लोकप्रिय त्यौहार है। जब किसी के घर में जितने भी दिनों के लिए बाप्पा विराजमान होते है उतने दिनों के लिए उस घर का दरवाजा एक पल के लिए भी बंद नहीं होता है। स्कूलों में भी बच्चों को हफ्ते भर की छुट्टी दे दी जाती है। सुबह - शाम बाप्पा की आरती होती है और बीच के दिनों में सत्यनारायण की पूजा भी कराई जाती है। जिस दिन पूजा होती है उस दिन लोग अपनी हैसियत के हिसाब से भक्तो का सेवा सत्कार करते है कुछ लोग तो कीर्तन वगैरह भी करवाते है तो कुछ लोगो सिर्फ खाना खिलाते है।
जगह - जगह में गणेश के पंडाल बनते जहा विशालकाय मूर्ति बिठाई जाती है। गणेश उत्सव के समय मंडलो में लोग रात - रात भर सोते नहीं है और टाइम काटने के लिए तरह - तरह के खेल खेलते है।
बाप्पा पुलिस का पूरा वीडियो यहाँ
बाप्पा पुलिस का पूरा वीडियो यहाँ
गणपति के अलग - अलग रूप है ये आपने TV पर देखा और धार्मिक ग्रंथों में पड़ा होगा। जब गणेश उत्सव आता है तो मूर्ति बनाने वाले कलाकार अपनी कलाकारी से बाप्पा को अलग - अलग रूप दे देते है। जैसे किसी कलाकार ने बाप्पा की डॉक्टर वाली मूर्ति बना दी, तो वहीं बच्चों को रिझाने के लिए दूसरे कलाकार ने कार्टून वाली बाप्पा की मूर्ति बना दी ताकि बच्चे खुश हो जाये। वैसे भी बाप्पा से बच्चे बहुत प्यार करते है।
गणपति के आपने अब तक कई रूप देखे होंगे लेकिन बाप्पा को पुलिस के रूप में देखना ये अपने आप में नया और काफी आकर्षित है। जी हाँ पुलिस वाले बाप्पा मुंबई के विले पार्ले एक पुलिस स्टेशन में विराजमान है।
इस बारे में पता लगाने के लिए हमने विलेपार्ले पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर राजेन्द्र काणे जी से बात की इसपर उन्होंने बताया कि पुलिस वाले गणपति विलेपार्ले पुलिस स्टेशन में नहीं बल्कि उनके घर में विराजमान है और उन्होंने ही गणेश भगवान को पुलिस की वर्दी पहनाई है।
राजेन्द्र काणे एक पुलिस अफसर है फिलहाल मुंबई के विलेपार्ले पुलिस स्टेशन में बतौर इंस्पेक्टर कार्यरत है।
पुलिस वाले बाप्पा का कैसे आया ख्याल
राजेंद्र जी से बात करने पर उन्होंने बताया कि, '' उनके परिवार में पिछले 40 सालों से गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। वो पिछले 25 सालों से मुंबई में है और इस बीच कई बार उनका अलग - अलग थानों में तबादला भी हुआ है। यहाँ भी उनके घर में हर साल गणेश भगवान को विराजमान किया जाता है। इतने सालों में उन्होंने बाप्पा की मूर्ति को अलग - अलग रूप में देखा है और ऐसी भी मूर्तियां देखी है जो अपने आप में संदेश देती है। तब उनके मन में ख्याल आया की क्यों न वो बाप्पा को पुलिस का रूप दें।
राजेंद्र जी के अनुसार हमारे समाज में भगवान को लेकर काफी आस्था है और भगवान से सभी डरते भी है और उनकी वजह से ही गलत काम करने से भी लोग डरते है। पुलिस भी समाज के लिए काम करती है और लोगों से अपील करती है कि वो अपराध से दूर रहें। इसलिए उन्हें लगा की बाप्पा को पुलिस के रूप में देखने के बाद शायद लोग पुलिस के मकसद को समझ जाये औए गलत कामों से दूर रहे।
6 महीने लगे मूर्ति बनवाने में
राजेंद्र जी पिछले साल से अपने घर में पुलिस वाले बाप्पा को विराजमान कर रहे है। बाप्पा की पुलिस वाली ये मूर्ति आजकल मीडिया में काफी चर्चा में है। आगे बात करने पर राजेन्द्र जी बताते है कि 2017 में उनके मन में पुलिस वाले बाप्पा की मूर्ति का ख्याल आया। लेकिन अब तक किसी कलाकार ने इस तरह की मूर्ति नहीं बनाई थी और ये अपने आप में काफी नया था। मूर्ति को बनवाने के लिए वो मुंबई के ही मूर्तिकारक नीलेश सावंत के पास पहुँचे। इसके बाद उन्होंने मूर्तिकारक को पूरी बात समझायी और अपने दिमाग में बने बाप्पा के रूप का वर्णन उनके सामने किया। नीलेश सावंत को पहले इतनी बात समझ नहीं आयी लेकिन ये काम उनके लिए भी नया और एक कलाकार होने के नाते उनका मन भी मूर्ति बनाने को तैयार हो गया।
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बाप्पा पुलिस |
मूर्ति तैयार होने के दौरान खुद राजेन्द्र काणे अपने काम से समय निकाल कर बीच - बीच में मूर्ति वाले के पास जाते और मूर्ति का जायजा लेते थे। क्योंकि अब तक किसी ने इस तरह की गणेश भगवान की मूर्ति बनाई नहीं थी जिस वजह से मूर्तिकारक भी कभी - कभी उनकी बात को समझ नहीं पाता था। लेकिन आखिरकार लगभग 6 महीने की कड़ी मेहनत के बाद गणेश भगवान यानी की पुलिस वाले बाप्पा की मूर्ति बन कर तैयार हो गयी और मुंबई में पहली बार किसी के घर में पुलिस वाले बाप्पा का आगमन हुआ।
2018 में भी राजेंद्र काणे ने मूर्तिकारक को तीन महीने पहले से ही बाप्पा की मूर्ति बनाने का आर्डर दे दिया।
गणपति पुलिस स्टेशन में ही विराजमान
आमतौर पर आपने देखा होगा कि लोग अपने घरों में बाप्पा को थर्माकोल के मंदिर या कपड़े के मंदिर में विराजमान करते है लेकिन पुलिस वाले बाप्पा को पुलिस की स्टाइल में है एक पुलिस स्टेशन में विराजमान किया गया है। पुलिस स्टेशन का नाम "विलेपार्ले पुलिस स्टेशन" रखा गया। बाप्पा की तस्वीर देखने पर आपको बाप्पा के चेहरे पर वही चमक देखेंगी जो एक पुलिस वाले के चेहरे पर होती है। तस्वीर में आप देख सकते है कि बाप्पा किस तरह से पुलिस वाले की तरह कुर्सी पर बैठे हुए है। बाप्पा के बाई ओर जेल है जिसमें कुछ कैदी भी है, वहीं पास में तिरंगा भी है। बाप्पा के पीछे दीवार पर देश के समान्नित लोगों की तस्वीर है। बाप्पा के दाई ओर एक टेबल है और एक लैपटॉप भी है।
बाप्पा के 6 शार्ट फिल्में बनाई
लोगों तक पुलिस बप्पा के जरिए पुलिस का संदेश पहुँचाने के लिए राजेन्द्र काने ने 2017 में 6 शार्ट फिल्में बनवाई। जो यूटुब पर उपलब्ध है।
पुलिस बाप्पा की गाने की सीडी रिलीज हो गई।
राजेन्द्र काणे ने लोगो तक पुलिस का संदेश पहुंचाने के लिए पुलिस बप्पा के नाम से एक गाने की सीडी का लांच जॉइंट कमिशनर देवन भारती के हाथों किया।
राजेंद्र काणे आगे भी पुलिस बाप्पा को अपने घर पर विराजमान करते रहेंगे और समाज में लोगों तक पुलिस का संदेश पहुँचाते रहेंगे।
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