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सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को लेकर अहम फैसला सुनाया है। पाँच जजों में से तीन जजों ने आधार कार्ड के पक्ष में अपना फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आधार कार्ड संवैधानिक तौर पर वैध है। आधार कार्ड पूरी तरह सुरक्षित है, आधार से गरीबों को ताकत और पहचान मिली। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि आधार के आंकड़े 6 महीने तक रखे जा सकेंगे, आधार का डाटा साझा नहीं किया जा सकेगा और घुसपैठियों को आधार नहीं मिलना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आधार कार्ड संवैधानिक तौर पर वैध है।
आधार कार्ड कहा देना है और कहा नहीं
पैन कार्ड व आईटी रिटर्न भरते वक़्त आधार कार्ड की जरूरत होगी।
सरकार की लाभकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ पाने के लिए भी आधार कार्ड अनिवार्य होगा।
टेलीकॉम कंपनियाँ आधार कार्ड का मांग नहीं कर सकती है।
बैंक में खाता खुलवाने के लिए भी अब आधार कार्ड की जरूरत नहीं होगी।
स्कूल, कॉलेज, एनईईटी आधार की मांग नहीं कर सकते।
हालांकि कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा कि बालिग होने पर आधार से हटने का भी विकल्प होगा। अगर किसी के पास आधार कार्ड नहीं है तो भी उसे किसी भी सुविधा से वंचित नहीं रखा जा सकता है। नेशनल सिक्योरिटी के चलते सरकार आधार डाटा नहीं मांग सकती। इसके अलावा कोर्ट ने सरकार से डेटा प्रोटेक्शन (आम आदमी की जानकारी सुरक्षित रखने के लिए) के लिए जल्द से जल्द कानून बनाने के लिए कहा है। कोर्ट ने आधार एक्ट का सेक्शन 33(2), सेक्शन 47 और सेक्शन 57 को खारिज कर दिया।
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