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सुना है टी 1 अवनी अपने 14 वें शिकार की तलाश में है, वही अवनी जिसे 13 लोगो की शिकार के बाद यवतमाल के जंगलो में जंगल विभाग के अधिकारियो ने एक शार्प सूटर द्वारा मार दिया गया। अवनी मरने के बाद भी अपना 14 वां शिकार ढूंढ रही है। अवनी का डर मंत्री से लेकर संत्री और यहां तक कि सूटर के भी दिलो में बैठ चुका है हालांकि अवनी के जिन्न को शांत करने की पूरी कोशिश सरकार की तरफ से चल रही है लेकिन अवनी शिकार करने पर आमादा है।
मेनका गांधी ने अपने पार्टी के नेताओं को कटघरे में खड़ा किया
दर असल बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के नरभक्षी बाघिन अवनी के मौत के बाद मचे घमासान की, अवनी के मौत के बाद केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने अपने ही पार्टी के नेता औऱ महाराष्ट्र के वन और वित्त विभाग के कैबिनेट मंत्री सुधीर मुनगुंटीवार को कठघरे में क्या खडा किया, सभी विरोधी पार्टियां औऱ पशु प्रेमी सुधीर मुनगुंटीवार पर आरोपो की बरसात शुरु कर दी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने 4 सदस्यीय टीम को इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी तो वहीं केंद्र ने भी कमेटी बनाकर जांच शुरु करा दी। इस बीच एनीमल लवर्स लगातार सुधीर मुनगुंटीवार के इस्तीफे की मांग तो कर रही है साथ ही कांग्रेस औऱ शिवसेना दोनो ने सुधीर मुनगुंटीवार पर फेक इनकाउंटर का आरोप लगा रहे हैं।
अधिकारी भी इस बात से डरे हुए हैं कि कही अवनी मंत्री जी को छोड किसी अधिकारी का शिकार ना कर ले और उसे अपने पद से इस्तीफा देना पड जाए तो वहीं शिकारी अजगर अली भी डर गए हैं कि मरने के बाद भी कहीं अवनी का पंजा सरकारी जांच के रुप में उनके गले में ना आ जाए औऱ मंत्री और सरकारी अफसर बचाने के चक्कर में खुद शिकारी का ही शिकार हो जाए।
संजय निरुपम का आरोप
कांग्रेस ने नेता संजय निरुपम ने तो सुधीर मुनगुंटीवार पर अंत्तराष्ट्रीय तस्करी गिरोह से जुडे होने का आरोप लगाया तो वहीं सुधीर मुनगुंटीवार ने संजय निरुपम पर मानहानि का दावा करने की बात कही।
शिवसेना ने जांच एजेंसियों पर खड़े किए सवाल
मामला यही नही रुका वाकयुद्ध में सरकार के सहयोगी शिवसेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष कूदे औऱ अवनी को मारने के पाछे सरकारी तंत्र और मंत्री जी के होने की बात कही औऱ जांच कर रही एजेंसियो पर ही सवाल खडा कर दिया।
क्या लोग मुआवजे के लिए जंगल में गये थे
13 लोगो की मौत पर संवेदना के बजाय तमाम पशु प्रेमियो ने तो इसके पीछे भी एक नई थियरी जोड दी और कहा कि मरने वाले सभी 13 लोग 60 साल से ज्यादा की उम्र के थे तो वो जंगल में क्यो गए थे या किसी ने जानबूझकर जंगल में भेजा था क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने बाघ हमले में मरने वाले लोगो मिलने वाला सरकारी मुआवजा 8 लाख से बढाकर 10 लाख कर दिया गया क्या लोगो ने जानबूझकर अपने परिवार के वरिष्ठतम नागरिको को बाघ के सामने भेजा जिससे उन्हें 10 लाख मुआवजा मिल सके।
लेकिन इन सबके उलट बात फिर एक बार अवनी बाघिन की जो मौत के बाद सरकार को कठघरे में खडाकर सभी से अपने मौत पर ना केवल हिसाब मांग रही है बल्कि अपने 14 वे शिकार को ढूंढ रही है जिसे वो अपने पंजे या जबडे से नही तो कम से कम उसे गुनाहगार साबित कर कुर्सी से हटा पाए।
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