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अब तक लगी आग को बुझाने में माहिर महाराष्ट्र के मंत्री को सीएम ने क्यों कहा अब फायर फाइटर नहीं फायरमैन होंगे गिरीश महाजन।
अन्ना आंदोलन कराना हो या किसान और आदिवासियो के मोर्चे को खत्म करना हो , पालघर लोकसभा उप चुनाव हो या फिर महाराष्ट्र के कई दूसरे महापालिका चुनाव में बीजेपी का कमल लहराने की जिम्मेदारी, हर बार महाराष्ट्र के मंत्री और जलगाव से विधायक गिरीश महाजन को मिली, जब भी सरकार किसी क्राइसेस में रही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने क्राइसेस से उबारने की जिम्मेदारी अपने करीबी गिरीश महाजन को दी जिसके बाद गिरीश महाजन की गिनती सरकार को आपदा से निकालने के तौर पर होने लगी और महाराष्ट्र की मीडिया में गिरीश महाजन को फायर फाइटर के तौर पर चुनाव जाना जाने लगा।
फ़ोटो - द इंडियन एक्सप्रेस
लेकिन गिरीश महाजन को सीएम ने अहमद नगर में महापालिका चुनावो के प्रभारी की जिम्मेदारी दी, गिरीश महाजन को सीएम की तरफ से हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश मिला, पहले बीजेपी अपने सहयोगी पार्टी शिवसेना को अहमद नगर में बिना शर्त समर्थऩ देना चाहती थी क्योंकि आंकडो के खेल में शिवसेना २४ पार्षदो के साथ सबसे बडी पार्टी थी, जबकि एनसीपी १८ के साथ दूसरी और बीजेपी तीसरी पार्टी थी, लेकिन शिवसेना के बडे नेताओ ने बीजेपी से समर्थन मांगने की ठान ली थी, जबकि लोकल नेताओ ने बीजेपी प्रभारी के तौर पर आए गिरीश महाजन से २ बार मुलाकात कर शिवसेना को समर्थन देने की गुजारिश की गई थी और गिरीश महाजन को शिवसेना के बडे नेताओ से बात करने की रिक्वेस्ट की गई।
इधर गिरीश महाजन लगातार सीएम देवेंद्र फडणवीस के संपर्क में थे और सीएम द्वारा साफ हिदायत दी गई थी कि शिवसेना सामने से मांगे तो ही बीजेपी समर्थन देगी। सिर्फ २ दिन ही समय शेष बचा तो गिरीश महाजन ने अपना नया पत्ता खोलते हुए शिवसेना को चित्त करने की ठानी और अपनी पार्टी के महापौर और उप महापौर के उम्मीदवार खडे कर दिए, और एनसीपी द्वारा लगातार निर्देश जारी होने के बाद भी १८ एनसीपी के पार्षदो ने बीजेपी को समर्थन देते हुए सत्ता बना ली, हालाकि सत्ता बनने की भनक लगने पर शिवसेना को कई नेताओ की तरफ से गिरीश महाजन को संपर्क करने की कोशिश हुई लेकीन सत्ता बीजेपी की बनते देख गिरीश महाजन ने शिवसेना को इग्नोर कर सत्ता बना ली।
हालांकि सत्ता बीजेपी बनते ही शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस तीनो दलो में तुफान मच गया जिससे शिवसेना तो बीजेपी और गुस्सा हुई ही लेकिन कांग्रेस ने भी एनसीपी के चुनाव चाल चरित्र और चेहरे पर सवाल उठा दिए, शायद यही वजह थी कि सीएम ने गिरीश महाजन को फायर फाइटर (आग शांत करने वाला ) के नाम से बुलाने के बजाय फायर मैन (आग लगाने वाला) कह दिया।
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