- Get link
- Other Apps
- Get link
- Other Apps
By - पवन मौर्या (युवा पत्रकार)
जम्मू कश्मीर बर्फबारी जारी है। इस बीच वादी से अच्छी खबर आई है। सीमावर्ती गुरेज कस्बे में तड़के से ही बर्फबारी हो रही है। गुरेज कस्बा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से 3 तरफ से घिरा है। वहां अधिकतम तापमान में और गिरावट आयी है। आपने खबर सुन लिया। अब आइए काम की बात पर, दहशतगर्दी और आतंकवाद की आग में झुलस रही खूबसूरत वादी जम्मू-कश्मीर के लिए साल 2019 सकरात्मक पैगाम लेकर आया है।
हाल ही में भारतीय सेना और सुरक्षाबलों की रिपोर्ट में बताया गया है कि जम्मू-कश्मीर में संयुक्त रूप से भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा आतंकवाद की जड़े खोदने में काफी हद तक सफलता हाथ लगी है। इससे कश्मीर में आतंकवाद का दायरा सिमट गया है। कमोबेश श्रीनगर के आस-पास में 100 किमी परिधि में आतंकी गतिविधियों के इनपुट्स मिल रहे हैं। इसमें श्रीनगर के आस-पास के कुल ग्राम बड़गांव, अनंतनाग और सोफिया जैसे इलाके शामिल हैं।
इधर, सेना के जवान को बांदीपोरा, सोपोर, बारामुला जैसे इलाकों को आतंकवाद से मुक्त कराने में सफल हो गए हैं। एक तरफ जम्मू कश्मीर में बर्फबारी से उसका नैसर्गिक सौंदर्य देखने को मिल रहा है, वहीं भारतीय सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों के खिलाफ सफाई अभियान चलाकर घाटी में शांति व्यवस्था लौटाने में कामयाब हो रहे हैं। साल 2018 और अब 2019 में भी चल रही आतंकरोधी अभियान को दहशतगर्दों के मंसूबों पर पानी फेरने में बड़ी सफलता मिली है।
आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 से अब तक करीब 50 से अधिक आतंकवादियों के सफाई किया गया है। इसमें आतंकवादियों के शीर्ष में 12 कमांडरों में से 10 को मार गिराया गया है। बचे हुए हिजबुल मुजाहिदीन के रियाज नैकू और जाकिर मूसा के सफाई के लिए सुरक्षाबलों ने युद्धस्तर पर अभियान छेड़ रखा है। सुरक्षाबलों ने अब तक अबू मतीन, अबु हमास, समीर टाइगर, सद्दाम पाडर, अबू काशमी, मन्नान वानी, मेहराजुद्दीन बांगरू व अहमद सोफी जैसे खूंखार आतंकी कमांडरों को मुठभेड़ में मौत की नींद सुला दिया है।
मुठभेड़ में जवानों के हाथों मारे जाने का डर अब बचे हुए आतंकवादियों में भी दिख रहा है। इससे बौखला कर आतंकी स्थानीय नागरिकों को निशाना बनाकर बदले की भावना से हत्या कर रहे हैं। इससे स्थानीय युवा और नागरिकों में आतंकवादियों के खिलाफ हो गए हैं और आतंकी गतिविधियों की जानकारी आसानी से सुरक्षाबलों को उपलब्ध करा रहे हैं। बहरहाल, उम्मीद की जा सकती है कि जल्द ही घाटी से विकास और शांति के दीमक का सफाया कर दिया जाएगा। तब जाकर सही मायनों में जम्मू कश्मीर में अमन-चैन लौट आएगा।
- Get link
- Other Apps
Comments
Post a Comment