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By - हिंदी डाकिया
सैनिक कहीं नहीं रुकता है या तो वो लड़ता है या फिर लड़ते-लड़ते शाहिद हो जाता है। ये बात हर सैनिक के जीवन में होती है। अब बताते है एक सैनिक की शादी की कहानी। जो बर्फ की तूफान से लड़ते हुए अपने दुल्हन को ले आया। बात है उत्तराखंड की। यहाँ एक सैनिक दूल्हा 6 किमी पैदल चलकर दुल्हन के घर पहुंचा। दूल्हे के साथ 25 बाराती दुल्हन के घर पहुंचे।
बारात त्रियुगीनारायन गांव से मक्कू मठ के लिए निकली थी लेकिन ज्यादातर वाहन बर्फ में फंस गए।
दूल्हे ने कहा- शादी तय वक्त पर होगी, भले ही पैदल चलना पड़े। रुद्रप्रयाग में बर्फबारी की वजह से एक फौजी दूल्हा को 6 किमी पैदल चलकर अपनी बारात लगानी पड़ी। 25 बाराती भी पैदल चलकर लड़की वालों के घर पहुंचे। दरअसल, उत्तराखंड में पिछले एक हफ्ते से भारी बर्फबारी हो रही है। इससे कई इलाकों का संपर्क टूट जाता है।
फौजी दूल्हे का नाम रजनीश कुमाचली है। रजनीश त्रिवुगीनारायण गांव के रहने वाला है। शुक्रवार को बारात लेकर मक्कू मठ जाना था। इस बारात में करीब 80 लोग घर से निकले, लेकिन बर्फबारी की वजह से रास्ते आवाजाही बंद हो गई। बारात के ज्यादातर वाहन बर्फ में फंस गए।
पैदल ले गए बारात
शादी की रस्मों को तय समय पर पूरा करने के लिए रजनीश और उनके परिवार ने पैदल चलने का फैसला लिया। वाहन जहां फंसे थे उस जगह से मक्कू मठ की दूरी करीब 6 किमी थी। फैसला लिया गया कि वे लोग ही साथ चलेंगे, जिनका रस्मों में शामिल होना जरूरी है।
2002 में भी ऐसी अनोखी शादी हुई थी
मीडिया के लोगों ने जब दूल्हे के भाई आशीष गरोला से बात कि तो उन्होंने बताया, " वर्ष 2002 उन्होंने ऐसी अनोखी शादी देखी थी। ऐसा ही कुछ मेरे भाई के साथ हुआ। मुझे यकीन है कि लोग सालों तक इस शादी को याद रखेंगे। क्योंकि दोनों शादियों में दूल्हे जवान थे। इतना ही नहीं अगर आप तस्वीरों को देखेंगे तो आप ये समझ पायेंगे की बारातियों को थोड़ा भी ठंड का एहसास नहीं था। बाकी रास्ता कितना कठनाई भरा था ये तो भूल ही जाईये। मेरा आठ साल का बेटा रास्ते भर बर्फ से खेलता रहा।"
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