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जवान - शहीद विजय सिंह मौर्य |
अब छिड़ेगा महासंग्राम
पुलवामा की धरा पर जिस वक्त गिरा रक्त।
यूं लगा जैसे इक पल को थम गया हो वक्त।।
किसी पत्नी ने खोया पति किसी बहन ने खोया भाई।
यह मंजर देखकर आज हर आंख डबडबाई।।
वो मां जिसने लाल को पाला था जतन से।
आज उसको करेगी जुदा तिरंगे में लिपटे कफन से।।
बच्चों के सिर से आज उठ गया पिता का साया।
क्या कसूर था मासूमों का जो ये दिन नसीब में आया।।
आज खौल उठा है खून दहशतगर्दों की हरकत देख।
हर हिन्दुस्तानी का द्रवित दिल पूछ रहा सवाल एक।।
आखिर कब तक मौन रहेगा इस देश का प्रधान?
कब तक कश्मीर की घाटी में मरते रहेंगे जवान?
जब-जब हमने पाक की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया।
तब-तब पाकिस्तान से हमने केवल धोखा खाया।।
उरी, पुलवामा, शोपियां में कायर पाक ने वार किया।
न जाने कितने सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया।।
अब समय आ चुका है सुन ले कायर पाकिस्तान।
आतंकियों को चुन-चुन कर मारेगा देश का जवान।।
बहुत हो चुकी दोस्ती, बहुत दिया शांती का पैगाम।
आतंकियों के विरुद्ध अब छिड़ेगा महासंग्राम।।
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