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By - डाकिया चमन
हर दिन के अखबारों के फ्रंट पेज की पहली खबर मोदी की रैली से. पूरा चुनाव मोदी के आस-पास.
कांग्रेस या दूसरी पार्टियां बहुत दूर-दूर तक दिखाई नहीं देती थीं. नरेंद्र मोदी नैरेटिव बना रहे थे और कांग्रेस उस पर सफाई-सी देती दिखाई दे रही थी.
मनमोहन सिंह का ज्यादा पढ़ा-लिखा होना भी मजाक बना दिया गया. राहुल गांधी का शालीन होना पप्पू होना बता दिया गया.
कांग्रेस पिछड़ती चली गई. मोदी हेलिकॉप्टर पर सवार देश का चक्कर लगा रहे थे.
भाईयो/बहनों...मित्रो...होना चैये कि नहीं होना चैये...जवाब देना चैये कि नहीं देना चैये...शहजादे...दिल्ली की सल्तनत...देहाती महिला...15 लाख..जम्मू-कश्मीर...नक्सलवाद...आतंकवाद...
मोदी प्रतीक बना रहे थे. जितने मुद्दे हो सकते थे मोदी ने सबको समेट लिया...जैसे- जादूगर आएगा जादू की छड़ी घुमाएगा और सब सही हो जाएगा...
बीजेपी को उसी के आस-पास खुद को बचाने के लिए रहना पड़ रहा है. चौकीदार चोर है...इतना पॉपुलर हो जाएगा शायद राहुल और कांग्रेस को भी नहीं पता था...
रिजनल पार्टियों के कार्यकर्ता गली-गली में नारेबाजी करते घूम रहे हैं चौकीदार चोर है...
मिनिमम आय गारंटी योजना ने पूरे चुनाव का पर्सेप्शन फिर बदल दिया. फर्जी राष्ट्रवाद, सेना, आतंकवाद, पाकिस्तान पर एक लंबे अरसे से देश में बहस चली आ रही है...
उसे कुछ देर के लिए ही सही लेकिन अर्थव्यवस्था की तरफ तो ले गई कांग्रेस...
पढ़िए - राहुल गांधी को भ्रष्टाचारीयों से मिलवा रहे है सजंय निरुपम
आय पर बात होगी तो हो सकता है नौकरियों पर भी हो...जीडीपी पर भी हो....व्यापारियों की खस्ता हालत और किसानों की बर्बादी पर भी हो...
कम से कम बात हो तो...मोदी आज देश के सबसे बड़े नेता हैं लेकिन 2014 की अपेक्षा उनकी रैलियां कम हैं...
बीजेपी कार्यकर्ताओं के हौंसले पस्त हैं...5 सालों में इतना कुछ हो गया कि किसी भी तरह से समेटा ही नहीं जा रहा...
एक भी ऐसा काम नहीं किया सरकार ने जो सीना ठोंक के कह सके- देखो हमने ये कर दिया...
फर्जी राष्ट्रवाद का चरस जरूर नौजवानों को जमकर सुंघाया गया है...
2014 का लोकसभा चुनाव. BJP के पीएम पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की धुआंधार रैलियां.
हर दिन के अखबारों के फ्रंट पेज की पहली खबर मोदी की रैली से. पूरा चुनाव मोदी के आस-पास.
कांग्रेस या दूसरी पार्टियां बहुत दूर-दूर तक दिखाई नहीं देती थीं. नरेंद्र मोदी नैरेटिव बना रहे थे और कांग्रेस उस पर सफाई-सी देती दिखाई दे रही थी.
मनमोहन सिंह का ज्यादा पढ़ा-लिखा होना भी मजाक बना दिया गया. राहुल गांधी का शालीन होना पप्पू होना बता दिया गया.
कांग्रेस पिछड़ती चली गई. मोदी हेलिकॉप्टर पर सवार देश का चक्कर लगा रहे थे.
भाईयो/बहनों...मित्रो...होना चैये कि नहीं होना चैये...जवाब देना चैये कि नहीं देना चैये...शहजादे...दिल्ली की सल्तनत...देहाती महिला...15 लाख..जम्मू-कश्मीर...नक्सलवाद...आतंकवाद...
मोदी प्रतीक बना रहे थे. जितने मुद्दे हो सकते थे मोदी ने सबको समेट लिया...जैसे- जादूगर आएगा जादू की छड़ी घुमाएगा और सब सही हो जाएगा...
5 साल बाद....
2019 का लोकसभा चुनाव. राहुल गांधी यानी कांग्रेस नैरेटिव तय कर रही है.बीजेपी को उसी के आस-पास खुद को बचाने के लिए रहना पड़ रहा है. चौकीदार चोर है...इतना पॉपुलर हो जाएगा शायद राहुल और कांग्रेस को भी नहीं पता था...
रिजनल पार्टियों के कार्यकर्ता गली-गली में नारेबाजी करते घूम रहे हैं चौकीदार चोर है...
मिनिमम आय गारंटी योजना ने पूरे चुनाव का पर्सेप्शन फिर बदल दिया. फर्जी राष्ट्रवाद, सेना, आतंकवाद, पाकिस्तान पर एक लंबे अरसे से देश में बहस चली आ रही है...
उसे कुछ देर के लिए ही सही लेकिन अर्थव्यवस्था की तरफ तो ले गई कांग्रेस...
पढ़िए - राहुल गांधी को भ्रष्टाचारीयों से मिलवा रहे है सजंय निरुपम
आय पर बात होगी तो हो सकता है नौकरियों पर भी हो...जीडीपी पर भी हो....व्यापारियों की खस्ता हालत और किसानों की बर्बादी पर भी हो...
कम से कम बात हो तो...मोदी आज देश के सबसे बड़े नेता हैं लेकिन 2014 की अपेक्षा उनकी रैलियां कम हैं...
बीजेपी कार्यकर्ताओं के हौंसले पस्त हैं...5 सालों में इतना कुछ हो गया कि किसी भी तरह से समेटा ही नहीं जा रहा...
एक भी ऐसा काम नहीं किया सरकार ने जो सीना ठोंक के कह सके- देखो हमने ये कर दिया...
फर्जी राष्ट्रवाद का चरस जरूर नौजवानों को जमकर सुंघाया गया है...
नशे में सब हाथ में डंडा और झंडा लेकर चीख रहे हैं- मैं भी चौकीदार
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