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चुनाव आयोग ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए मतदान के दिन जाहिर कर दिए है। फिलहाल आचारसंहिता का माहौल है ऐसे में कोई भी राजनैतिक पार्टी अपने पार्टी का प्रचार कर मुश्किल में नहीं पड़ना चाहती है।
चुनाव आते ही चुनाव में खड़े उम्मीदवार जीत हासिल करने के लिए लोगों को पैसे, शराब की बोतल या कोई उपहार देकर अपने तरफ आकर्षित करते है ताकि उनका वोट बैंक बढ़ सकें और चुनाव में उनकी जीत हो। ऐसा कई वर्षों से चला आ रहा है। चुनाव में खड़ा उम्मीदवार अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए शराब देने से लेकर नकद पैसे देने को भी तैयार रहते है बस आपके वोट बेचने की देरी होती है।
आपको आपके मन मुताबिक उपहार ये नेता चुनाव के वक्त दे तो देते है पर चुनाव में जीत हासिल करने के बाद ये किसी चोर की तरह नौ दो ग्यारह हो जाते है। फिर आपको उनके पास जाना होता है उनसे मिलने के लिए समय लेना होता है फिर वही है नेता जो चुनाव के समय आपके सामने हाथ जोड़ के नरमी से खड़ा होता है वही आपसे ऐसे ताव में बात करता है जैसे आप चोर हो और वो रंक।
खैर राजा तो वो है और हम प्रजा। हमने भले ही किताबों में ये पढ़ा हो की नेता जनता की सेवा के लिए होता है पर हमें ये कोई नहीं सिखाता की ये ऐसा नौकर है जो सेवा के साथ मेवा भी खाता है।
इन्ही सब को देखते हुए महाराष्ट्र राज्य में चुनाव आयोग ने आम जनता को उनके मतदान का महत्व समझाते हुए ठाणे जिले के भिवंडी शहर और कल्याण शहर में बड़े - बड़े होर्डिंग्स लगाए है जिसमें साफ और बड़े - बड़े शब्दों में मराठी भाषा में लिखा गया है : "एका बाटलीची मजा देईल पांच वर्षाची सजा"
- हिंदी अनुवाद : एक शराब की बोतल की मजा आपको पाँच वर्षों की सजा देगी। यानी की आगामी चुनाव में अगर आप अपने वोट के बदले शराब की बोतल लेते हो तो हो सकता है उसकी सजा आपको आने वाले पाँच सालों तक भुगतनी पड़े।
चुनाव आयोग ने शहर के प्रमुख चौकों पर जनजागृति करते हुए बड़े - बड़े होर्डिंग्स लगाए है।
चुनाव आयोग ने ये कदम उठा कर काफी अच्छा काम किया है। लोगों को अपने मतदान की कीमत समझनी चाहिए सिर्फ चंद रुपयों या उपहारों या शराब की बोतल के लिए अपने गांव, शहर, कस्बे, जिले, राज्य और देश का भविष्य तय नहीं करना चाहिए।
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