- Get link
- Other Apps
- Get link
- Other Apps
By - डाकिया पवन
उत्तर प्रदेश का एक जिला है एटा, जिसके मारहरा विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र मुहारा में प्राथमिक विद्यालय में नागरिक सुबह से मतदान कर रहे हैं। इसी दौरान जर्जर इमारत में लगा पंखा चुनाव में तैनात अधिकारी के सिर पर गिर पड़ा। फिर क्या दस से पंद्रह किलो का पंखा गिरने से साहब का सिर फूट गया और उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। यहां भी राहत नहीं मिली तो उन्हें गंभीर हालत में आगरा रेफर किया गया। कुल जमा बात ये है कि, ये पंखा अधिकारी के सिर पर गिरा, जरा सोचिए आज यदि चुनाव नहीं होता तो बच्चे पढ़ने आए होते और किसी बच्चे के सिर पर पंखा गिर सकता था।
चुनाव पीठासीन अधिकारी श्रीकृष्ण पर पंखा गिरा तो मामला मीडिया में आ गया, बच्चे के ऊपर गिरा होता तो मामले की लीपीपोती शुरू हो जाती। आखिर कब राज्य सरकार, शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि जर्जर पड़े प्राथमिक विद्यालयों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों की सुध लेंगे। बहरहाल, आप भी इस चुनाव अधिकारी को धन्यवाद दीजिए कि इसने जख्म झेलकर बच्चों की हिफाजत की।
अब युवाओं को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए, योगी-चिलम, घुंघरू-घंटा, नाच-नौटंकी, जात-पात, पाकिस्तान, देशद्रोही, स्ट्राइक, बेबुनियाद बातें और अनर्गल मुद्दों पर अपनी ऊर्जा का बारूद खर्चने से बेहतर है कि वे अपने जिले-शहर की सड़क, अस्पताल, शिक्षा, उद्योग, पर्यटन, खेल, कृषि तकनीक, रोजगार और अन्य जरूरी मसलों को मुद्दा बनाएं। इन मुद्दों को अपने जनप्रतिनिधियों के सामने रखें और उनसे पूरा करवाने की कसम भी लें। तब जाकर आगामी कई सालों बाद इस जागरुकता और जवाबदेहिता का असर दिखना शुरू हो जाएगा। इससे किसी स्कूल में न पंखा गिरेगा और न दीवार, चिकित्सा के अभाव में किसी महिला की मौत नहीं होगी, बेरोजगारी की दर घटेगी, युवा नशे के बजाय सेना और पेशेवर खेलों में अपना जलवा दिखाएंगे, यातायात तेज होने से पर्यटन, कृषि सहित कई क्षेत्रों में विकास का पहिया तेजी से घूमेगा।
और.. चुनाव अधिकारी के सिर पर गिर गया पंखा, बच्चों ने बोला थैंक्यू सर
देश में प्राथमिक विद्यालयों की हालत क्या है, इसकी एक नजीर मंगलवार को एटा जिले में देखने को मिली। देशभर में इन दिनों चुनावों का माहौल है। सभी लोग इसको हराने-उसको जिताने में भिड़े हुए हैं। इस सरगर्मी में यह घटना छुट जाए, इससे पहले की आप तक हम खबर को एयरलिफ्ट करा दिए।उत्तर प्रदेश का एक जिला है एटा, जिसके मारहरा विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र मुहारा में प्राथमिक विद्यालय में नागरिक सुबह से मतदान कर रहे हैं। इसी दौरान जर्जर इमारत में लगा पंखा चुनाव में तैनात अधिकारी के सिर पर गिर पड़ा। फिर क्या दस से पंद्रह किलो का पंखा गिरने से साहब का सिर फूट गया और उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। यहां भी राहत नहीं मिली तो उन्हें गंभीर हालत में आगरा रेफर किया गया। कुल जमा बात ये है कि, ये पंखा अधिकारी के सिर पर गिरा, जरा सोचिए आज यदि चुनाव नहीं होता तो बच्चे पढ़ने आए होते और किसी बच्चे के सिर पर पंखा गिर सकता था।
चुनाव पीठासीन अधिकारी श्रीकृष्ण पर पंखा गिरा तो मामला मीडिया में आ गया, बच्चे के ऊपर गिरा होता तो मामले की लीपीपोती शुरू हो जाती। आखिर कब राज्य सरकार, शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि जर्जर पड़े प्राथमिक विद्यालयों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों की सुध लेंगे। बहरहाल, आप भी इस चुनाव अधिकारी को धन्यवाद दीजिए कि इसने जख्म झेलकर बच्चों की हिफाजत की।
अब युवाओं को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए, योगी-चिलम, घुंघरू-घंटा, नाच-नौटंकी, जात-पात, पाकिस्तान, देशद्रोही, स्ट्राइक, बेबुनियाद बातें और अनर्गल मुद्दों पर अपनी ऊर्जा का बारूद खर्चने से बेहतर है कि वे अपने जिले-शहर की सड़क, अस्पताल, शिक्षा, उद्योग, पर्यटन, खेल, कृषि तकनीक, रोजगार और अन्य जरूरी मसलों को मुद्दा बनाएं। इन मुद्दों को अपने जनप्रतिनिधियों के सामने रखें और उनसे पूरा करवाने की कसम भी लें। तब जाकर आगामी कई सालों बाद इस जागरुकता और जवाबदेहिता का असर दिखना शुरू हो जाएगा। इससे किसी स्कूल में न पंखा गिरेगा और न दीवार, चिकित्सा के अभाव में किसी महिला की मौत नहीं होगी, बेरोजगारी की दर घटेगी, युवा नशे के बजाय सेना और पेशेवर खेलों में अपना जलवा दिखाएंगे, यातायात तेज होने से पर्यटन, कृषि सहित कई क्षेत्रों में विकास का पहिया तेजी से घूमेगा।
- पवन कुमार मौर्य, लेखक दिल्ली में पत्रकार हैं।
Reactions:
- Get link
- Other Apps
Comments
Post a comment