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मैंने हेमंत करकरे को श्राप दिया था, इसीलिए वह मारा गया
हमेशा से विवाद में रहने वाली साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने एक बार फिर से विवादित बयान दे कर मीडिया का अटेंशन खिंचा है। चुनाव का समय है और 2019 लोकसभा चुनाव देश में चल रहा है। हाल ही में भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा को अपने पार्टी में शामिल कर काफी बवाल काटा है। अभी ये मामला शांत हुआ ही नहीं था कि भोपाल लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने विवादित बयान दिया है।
- उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मैंने हेमंत करकरे को श्राप दिया था कि तेरा सर्वनाश हो जाएगा। इसके सवा महीने बाद ही वह आतंकियों के हाथों मारा गया।’
प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने हेमंत करकरे को ‘देशद्रोही और धर्मद्रोही’ भी क़रार दिया। उन्होंने कहा, ‘मालेगांव बम धमाके की जांच करने वाली टीम ने हेमंत करकरे को समझाया था। उस टीम के कई सदस्यों ने कहा कि अगर इनके (प्रज्ञा सिंह ठाकुर) ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं है ताे इन्हें छोड़ देना चाहिए। लेकिन हेमंत करकरे का तब ज़वाब ये था कि मैं किसी भी तरह, कुछ भी करके सबूत जुटाऊंगा।’ उनके इस बयान के बीच उन्हें घेरकर खड़े स्थानीय भाजपा नेताओं ने तालियां भी बजाईं।
ग़ौरतलब है कि हेमंत करकरे महाराष्ट्र पुलिस की आतंक निरोधक इकाई (एटीएस) के प्रमुख हुआ करते थे। मालेगांव में सितंबर 2008 में हुए बम धमाके की जांच उन्हीं के नेतृत्व में हो रही थी। उन्होंने ही प्रज्ञा सिंह ठाकुर और अन्य आरोपितों को ग़िरफ़्तार किया था। सभी पर बम धमाके की साज़िश का आरोप दर्ज़ किया था। लेकिन हेमंत करकरे आरोपितों के ख़िलाफ़ सबूत जुटा पाते इससे पहले 2008 में ही वे मुंबई पर हमला करने आए पाकिस्तानी आतंकियों से मुक़ाबला करते हुए शहीद हो गए।
ग़ौर करने की बात ये भी है कि मालेगांव बम धमाके की पहले नंबर की आरोपित प्रज्ञा सिंह ठाकुर को 2015 में एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की विशेष अदालत ने सबूतों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया था। उन्होंने अभी बीती 16 तारीख़ को ही भाजपा की सदस्यता ली है। इसके कुछ घंटे बाद ही भाजपा ने उन्हें भोपाल से अपना उम्मीदवार बना दिया। कांग्रेस ने इस सीट से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को टिकट दिया है जो प्रज्ञा सिंह ठाकुर को ‘भगवा आतंकवाद का मुखौटा’ कहते रहे हैं।
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