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By- हिन्दी डाकिया
होमी व्यारावाला भारत की पहली महिला फोटो जर्नलिस्ट
Photo source - arifansari.in
होमीव्यारावाला,1929 और 1969 के बीच इन 40 वर्षों में भारत में इतिहास को अपने कैमरे में कैद करने वाली केवल एक महिला फोटोग्राफर थी। होमी व्यारावाला - एक खादी की साड़ी
पहने और पुराने जमाने के भारी
कैमरों को ढोने वाली भारत की
पहली महिला फोटो जर्नलिस्ट थी।
उनका
जन्म 1913 में गुजरात के एक ऐसे पारसी नाट्यकर्मियों के परिवार में हुआ जो एक जगह से दूसरी जगह पर नाटक
करने के लिए जाते थे। जहाँ भी
उनके पिता अपने समूह
के साथ जाते थे, होमाई भी उनके साथ जाती थी। इस अनुभव ने उन्हें भारत की एक विशाल दुनिया दिखाई।
- जब होमी 13 साल की थी, तब वह मुंबई (उस वक़्त की बॉम्बे) में बस गई थी। मुंबई में वो अपने जीवन के पहले प्यार मानेकशा व्यारावाला से मिली, जो उन्हें उनके जीवन के दूसरे प्रेम - कैमरे से परिचित करवाने वाले थे। जिसके लिए होमई ने मानेकशा और कैमरा दोनों से शादी की।
1942
में, वह दिल्ली में रहती थी, जहाँ एक उभरता हुआ स्वतंत्र भारत अपने कुछ बेहतरीन क्षणो को
फोटो के माध्यम से संग्रहीत करने की प्रतीक्षा कर रहा था। वहाँ, होमाई
ने प्रतिष्ठित और बहुप्रतिक्षित क्षणों को अपने कैमरे में कैद किया, जैसे कि भारत से लॉर्ड माउंटबेटन (भारत के अंतिम ब्रिटिश वायसराय) का प्रस्थान, स्वतंत्र भारत के पहले ध्वजारोहण से लेकर, महात्मा गांधी के अंतिम संस्कार की तैयारियाँ, निर्वासित दलाई लामा का भारत में आगमन और जवाहरलाल नेहरू की कुछ सबसे प्रसिद्ध सहज छवियों तक।
होमाई व्यारावाला एक सच्ची अग्रणी थी, क्योंकि उन्होंने एक
ऐसी मिसाल कायम की जिससे अन्य महिलाएं इस पेशे पर विचार करें जिसे पहले कैरियर का विकल्प नहीं माना जाता
था।
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