- Get link
- Other Apps
- Get link
- Other Apps
By - हिंदी डाकिया
मुंबई पुलिस मुख्यालय से एक पुलिसकर्मी का इस्तीफ़ा गायब हो गया है। पुलिसकर्मी के परिवार को शक है कि एक आईपीएस ने इस्तीफा फाड़कर फेंक दिया होगा।
मुंबई पुलिस के गोरेगांव यातायात विभाग में कार्यरत सुनील टोके ने मुंबई पुलिस (खासकर यातायात विभाग) में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। टोके ने बाकायदा इस बात के सबूत भी दिए हैं कि किस-किस पुलिस अधिकारी/कर्मचारी को माहवार कितनी-कितनी रकम हफ्ते के रूप में मिलती है। इस दुःसाहस के लिए पुलिस विभाग ने टोके को निलंबित कर दिया परन्तु टोके सेलेब्रटी हो गए हैं। पुलिस विभाग के लोग उनसे मिलते हैं। अपना दुखड़ा सुनाते हैं। बाहर के लोग उनके साथ सेल्फी लेने लगे हैं।
विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और वरिष्ठ अधिकारियों की प्रताड़ना से परेशान सुनील टोके ने 20 सितम्बर 2014 को पुलिस विभाग से इस्तीफा दे दिया था। 14 मई 2019 को सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत सुनील टोके ने जानकारी माँगी कि उनके इस्तीफे पर क्या कार्रवाई हुई ? मसलन उनका इस्तीफा मंजूर हुआ कि नहीं? यदि इस्तीफा मंजूर हुआ हो तो उसकी कॉपी उन्हें दी जाये। आश्चर्य ! 12 जून 2019 को मुंबई पुलिस मुख्यालय ने उन्हें जवाब दिया कि उनके इस्तीफे की बात पुलिस रिकार्ड में मौजूद नहीं है।
आरटीआई की प्रति जन स्वाभिमान के पास मौजूद है।
सुनील टोके का परिवार मानता है कि उनका इस्तीफा तब बड़े ओहदे पर बैठा एक विवादित आईपीएस ने फाड़कर फेंक दिया होगा। अगर टोके का इस्तीफा मंजूर हो जाता तो उनके खिलाफ निलंबन या विभागीय जांच जैसी कार्रवाई नहीं हो पाती।
न्यूज़ साभार - दैनिक जनस्वाभिमान
मुंबई पुलिस मुख्यालय से एक पुलिसकर्मी का इस्तीफ़ा गायब हो गया है। पुलिसकर्मी के परिवार को शक है कि एक आईपीएस ने इस्तीफा फाड़कर फेंक दिया होगा।
यह इस्तीफा है मुंबई पुलिस के बहुचर्चित सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) सुनील भगवंत टोके का।
मुंबई पुलिस के गोरेगांव यातायात विभाग में कार्यरत सुनील टोके ने मुंबई पुलिस (खासकर यातायात विभाग) में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। टोके ने बाकायदा इस बात के सबूत भी दिए हैं कि किस-किस पुलिस अधिकारी/कर्मचारी को माहवार कितनी-कितनी रकम हफ्ते के रूप में मिलती है। इस दुःसाहस के लिए पुलिस विभाग ने टोके को निलंबित कर दिया परन्तु टोके सेलेब्रटी हो गए हैं। पुलिस विभाग के लोग उनसे मिलते हैं। अपना दुखड़ा सुनाते हैं। बाहर के लोग उनके साथ सेल्फी लेने लगे हैं।
आरटीआई की प्रति जन स्वाभिमान के पास मौजूद है।
सुनील टोके का परिवार मानता है कि उनका इस्तीफा तब बड़े ओहदे पर बैठा एक विवादित आईपीएस ने फाड़कर फेंक दिया होगा। अगर टोके का इस्तीफा मंजूर हो जाता तो उनके खिलाफ निलंबन या विभागीय जांच जैसी कार्रवाई नहीं हो पाती।
न्यूज़ साभार - दैनिक जनस्वाभिमान
mumbai police bharti
mumbai police bharti 2019
mumbai police commissioner
mumbai police logo
mumbai police number
mumbai police twitter
mumbai police website
Reactions:
- Get link
- Other Apps
Comments
Post a comment