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आइएएस, आइपीएस, मिनिस्टर्स, लीडर्स के साथ सोने से मना किया तो कांग्रेस नेता जया साधवानी ने बहू को निकाला घर से
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By - हिंदी डाकिया
कांग्रेस पार्टी से 4 दफा नगरसेवक, एक बार उप-महापौर, पार्टी में महिला विभाग की राज्य उपाध्यक्ष, उल्हासनगर महानगरपालिका में पार्टी दल की नेता और न जाने क्या-क्या जया साधवानी पर उसकी बहू पलक साधवानी ने अत्यंत गंभीर आरोप लगाए हैं। पहला कि जया ने उसे घर से निकाल दिया है। दूसरा कि जया उसे आइएएस, आइपीएस, मिनिस्टर्स और लीडर्स के साथ सोने के लिए मजबूर करती थी।
इसके लिए जया साधवानी पलक को आइएएस, आइपीएस, मिनिस्टर्स और लीडर्स के साथ सोने के लिए मजबूर करती थी। पलक बताती है कि तब के ठाणे जिले के पुलिस कमिश्नर सुरेंद्र मोहन शंगारी अक्सर जया साधवानी के घर आते थे। जया पलक को शंगारी के साथ सोने के लिए प्रताड़ित करती थी। कभी-कभी तो रिवॉल्वर दिखाकर उसे धमकाती थी। मंत्रालय, उल्हासनगर महानगरपालिका आदि में कोई काम हो जया पलक को सप्लाई करना चाहती थी। इतना ही नहीं जया पलक की मां वन्दना डोडवानी को ‘किडनैप’ कर उल्हासनगर से टिटवाला ले जाती थी और रिवॉल्वर ‘शो’ कर उसे धमकाती थी कि अपनी बेटी को बोलो कि मैं जैसा कहती हूँ वैसा करे नहीं तो उसकी लाश मेरे घर से निकलेगी।
जया वन्दना को बताती थी कि वह कितनी खतरनाक और पॉवरफुल है। सबको मालूम है गोपाल राजवानी के मर्डर में उसका भी हाथ है लेकिन उसका कोई कुछ भी नहीं कर पाया। ऐसे ही पलक और उसके पूरे परिवार की भी हत्या हो जाएगी और उसका कुछ नहीं होगा। वह पलक को पागल साबित कर अपनी संपत्ति से बेदखल कर घर से निकाल देगी।
पलक यह सब अपने पति विशाल और ससुर मोहन को बताती थी लेकिन वे कहते थे जया जैसा कहती है वैसा करो। पलक बताती है विशाल तो क्रिकेट सट्टेबाजी और जुआ खेलने में मशगूल रहता है और मोहन की हैसियत तो घर में नौकर जैसी ही है।
जया का ख्वाब था कि एकदिन वह उल्हासनगर की विधायक बनेगी और फिर मंत्री। वह टिकट पाने के लिए पलक का प्रयोग करना चाहती थी। पलक ने इसका विरोध किया तो जया ने 26 सितम्बर 2019 को उसकी पिटाई कर घर से निकाल दिया। इसके पहले जया तीन दफा पलक को घर से निकाल चुकी है।
17 अक्टूबर 2019 को पलक अपनी मां के साथ टिटवाला पुलिस स्टेशन जया साधवानी के खिलाफ एफआईआर करने गयी। पलक ने बॉम्बे हाईकोर्ट के प्रसिद्ध वकील दीपक मिश्रा के जरिये शिकायत की थी। टिटवाला पुलिस का रवैया तो जया साधवानी की हरकतों जैसा घिनौना था। पुलिस ने उसे यह कहते हुए भगा दिया कि वकील के लेटर हेड पर अर्जी लेकर नहीं आने का। वकील लोग कुछ भी लिखते हैं। और उन्हें अंग्रेजी नहीं आती। हिंदी में और अपनी हैण्ड राइटिंग में लिखकर लाओ। पुलिस ने यह भी बताया कि पलक का चेहरा देखकर लगता है कि उसे किसी प्रकार का दुःख नहीं है। 18 अक्टूबर को पलक ने अपनी शिकायत स्पीड पोस्ट के जरिये टिटवाला पुलिस स्टेशन, पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिदेशक और केंद्रीय महिला आयोग को भेज दी है। शिकायत की प्रति जन स्वाभिमान के पास मौजूद है।
नोट : पत्रकारिता सिद्धांत के अनुसार खबर में जया साधवानी का पक्ष छापना जरूरी था लेकिन जया साधवानी संवाददाता पर कोई भी आरोप लगाकर उसे बदनाम कर सकती थी। इस भय से उसका पक्ष नहीं लिया गया।
- जनस्वाभिमान अख़बार और ABI न्यूज़ पोर्टल से साभार
पलक की शादी जया के बेटे विशाल के साथ 14 वर्ष पहले हुई थी। शादी के बाद से ही कभी पिटाई कर, कभी प्यार से जया पलक को यह बताती थी कि उसका शहर में जो आतंक है, उसने करोड़ों की अवैध संपत्ति बनाई है वह मेहनत-मजदूरी-इमानदारी की नहीं है। उसके लिए बहुत से समझौते करने पड़े हैं। शॉर्टकट रास्ता अपनाना पड़ा है।
इसके लिए जया साधवानी पलक को आइएएस, आइपीएस, मिनिस्टर्स और लीडर्स के साथ सोने के लिए मजबूर करती थी। पलक बताती है कि तब के ठाणे जिले के पुलिस कमिश्नर सुरेंद्र मोहन शंगारी अक्सर जया साधवानी के घर आते थे। जया पलक को शंगारी के साथ सोने के लिए प्रताड़ित करती थी। कभी-कभी तो रिवॉल्वर दिखाकर उसे धमकाती थी। मंत्रालय, उल्हासनगर महानगरपालिका आदि में कोई काम हो जया पलक को सप्लाई करना चाहती थी। इतना ही नहीं जया पलक की मां वन्दना डोडवानी को ‘किडनैप’ कर उल्हासनगर से टिटवाला ले जाती थी और रिवॉल्वर ‘शो’ कर उसे धमकाती थी कि अपनी बेटी को बोलो कि मैं जैसा कहती हूँ वैसा करे नहीं तो उसकी लाश मेरे घर से निकलेगी।
जया बताती थी कि उसने वंदना से दहेज़ बहुत कम क्यों लिया था। पलक का शरीर ही दहेज़ था लेकिन वह मान नहीं रही है तो अब 50 लाख रुपये दहेज़ देना पड़ेगा।
जया वन्दना को बताती थी कि वह कितनी खतरनाक और पॉवरफुल है। सबको मालूम है गोपाल राजवानी के मर्डर में उसका भी हाथ है लेकिन उसका कोई कुछ भी नहीं कर पाया। ऐसे ही पलक और उसके पूरे परिवार की भी हत्या हो जाएगी और उसका कुछ नहीं होगा। वह पलक को पागल साबित कर अपनी संपत्ति से बेदखल कर घर से निकाल देगी।
पलक यह सब अपने पति विशाल और ससुर मोहन को बताती थी लेकिन वे कहते थे जया जैसा कहती है वैसा करो। पलक बताती है विशाल तो क्रिकेट सट्टेबाजी और जुआ खेलने में मशगूल रहता है और मोहन की हैसियत तो घर में नौकर जैसी ही है।
जया का ख्वाब था कि एकदिन वह उल्हासनगर की विधायक बनेगी और फिर मंत्री। वह टिकट पाने के लिए पलक का प्रयोग करना चाहती थी। पलक ने इसका विरोध किया तो जया ने 26 सितम्बर 2019 को उसकी पिटाई कर घर से निकाल दिया। इसके पहले जया तीन दफा पलक को घर से निकाल चुकी है।
17 अक्टूबर 2019 को पलक अपनी मां के साथ टिटवाला पुलिस स्टेशन जया साधवानी के खिलाफ एफआईआर करने गयी। पलक ने बॉम्बे हाईकोर्ट के प्रसिद्ध वकील दीपक मिश्रा के जरिये शिकायत की थी। टिटवाला पुलिस का रवैया तो जया साधवानी की हरकतों जैसा घिनौना था। पुलिस ने उसे यह कहते हुए भगा दिया कि वकील के लेटर हेड पर अर्जी लेकर नहीं आने का। वकील लोग कुछ भी लिखते हैं। और उन्हें अंग्रेजी नहीं आती। हिंदी में और अपनी हैण्ड राइटिंग में लिखकर लाओ। पुलिस ने यह भी बताया कि पलक का चेहरा देखकर लगता है कि उसे किसी प्रकार का दुःख नहीं है। 18 अक्टूबर को पलक ने अपनी शिकायत स्पीड पोस्ट के जरिये टिटवाला पुलिस स्टेशन, पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिदेशक और केंद्रीय महिला आयोग को भेज दी है। शिकायत की प्रति जन स्वाभिमान के पास मौजूद है।
नोट : पत्रकारिता सिद्धांत के अनुसार खबर में जया साधवानी का पक्ष छापना जरूरी था लेकिन जया साधवानी संवाददाता पर कोई भी आरोप लगाकर उसे बदनाम कर सकती थी। इस भय से उसका पक्ष नहीं लिया गया।
- जनस्वाभिमान अख़बार और ABI न्यूज़ पोर्टल से साभार
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