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देश में लॉकडाउन की वजह से फ्रांस से आया एक परिवार उत्तर प्रदेश के महराजगंज के पुरंदरपुर में कोल्हुआ उर्फ सिहोंरवा गांव फंस गया था। जिस वजह से परिवार को गांव के ही मंदिर में रुकना पड़ा। परिवार को गांव में रुके 2 महीने से ज़्यादा का समय हो गया और बड़ी बात ये है कि फ्रांस के ये परिवार अब भोजपुरी बोलने और समझने लगा है।
दरअसल, फ्रान्स के टुलूज शहर में रहनेवाले पैट्रीस अपनी पत्नी तथा बच्चों के साथ टुरिस्ट विजा पर 1 मार्च 2020 को पाकिस्तान की वाघा बॉर्डर से होते हुए भारत में आए। जिन्हें भारत में विविध जगहों पर घूमने के बाद नेपाल भी घूमना था। पर कोरोना की वजह से देश में लॉकडाउन की स्थिति बन गयी। जिसके बाद भारत-नेपाल बॉर्डर को बंद कर दिया गया और पैट्रीस अपने परिवार के साथ नेपाल नहीं जा सके।
फ्रांसिसी परिवार का सबसे छोटा सदस्य टॉम पैलेरस गांव के बच्चों के साथ बहुत घुल-मिल गया है। सायकल चलाने का शौखीन टॉम गांव के बच्चों के साथ सायकल चलाने का आनंद भी ले रहा है। दूसरी तरफ गांव के बच्चों को भी उसके साथ खेलने में काफी मजा आ रहा है।
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